”اور اللہ تجھ میں بھی برکت دے۔“[ضعيف، عمل اليوم و الليلة لابن السني، 279 تحقيق سليم الهلالي، عمل اليوم و الليلة للنسائي: 303] اور اس کی سند میں نظر ہے۔
“और अल्लाह तुझे भी बरकत दे ।” [ज़ईफ़, अमल अलयोम और अल्लेलाह लिअब्न अलसीनि, 279 तहक़ीक़ सलीम अल्हिलाली, अमल अलयोम व अल्लेलाह लिलनिसाई: 303] और इस की सनद में नज़र है ।