سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم سے روایت کرتے ہیں کہ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا کہ میرا نام رکھ لو مگر میری کنیت (میری زندگی میں، جو ابوالقاسم ہے) نہ رکھو اور (یقین کر لو کہ) جس شخص نے مجھے خواب میں دیکھا تو یقیناً اس نے مجھے دیکھ لیا، اس لیے کہ شیطان میری شکل و شباہت اختیار نہیں کر سکتا، صورت نہیں بن سکتا اور جو شخص عمداً میرے اوپر جھوٹ بولے تو اسے چاہیے کہ اپنا ٹھکانہ آگ میں تلاش کر لے۔
हज़रत अबु हुरैरा रज़ि अल्लाहु अन्ह नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से रिवायत करते हैं कि आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “मेरा नाम रखलो मगर मेरी कुन्नियत (मेरे जीवन में, जो अबु अल-क़ासिम है) न रखो और (यक़ीन करलो कि) जिस व्यक्ति ने मुझे सपने में देखा तो बेशक उसने मुझे देख लिया, इसलिए कि शैतान मेरा चेहरा नहीं ले सकता, मेरे जैसा चेहरा नहीं बना सकता और जो व्यक्ति जानबूझ कर मेरी तरफ़ से झूठ बोले (यानि वह बात कहे जो मैं ने नहीं कही) तो उसे चाहिए कि अपना ठिकाना आग में तलाश करले।”