ام المؤمنین عائشہ صدیقہ رضی اللہ عنہا سے روایت ہے کہ(ایک مرتبہ) نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”(قیامت میں) جس کا حساب لیا گیا، اسے (ضرور) عذاب کیا جائے گا۔“ عائشہ رضی اللہ عنہا کہتی ہیں (یہ سن کر) میں نے کہا کہ کیا اللہ پاک نہیں فرماتا ”عنقریب اس سے آسان حساب لیا جائے گا“(الانشقاق: 8)۔ (معلوم ہوا کہ آسان حساب کے بعد عذاب کا ہونا کچھ ضروری نہیں) تو آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”یہ (حساب جس کا ذکر اس آیت میں ہے درحقیقت حساب نہیں ہے بلکہ اعمال کا) صرف پیش کر دینا ہے لیکن جس شخص سے حساب میں جانچ پڑتال کی گئی تو وہ (یقیناً) ہلاک ہو گا۔“
उम्मुल मोमिनीन आयशा सिद्दीक़ा रज़ि अल्लाहु अन्हा से रिवायत है कि (एक दफ़ा) नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “(क़यामत में) जिसका हिसाब लिया गया, उसे (ज़रूर) अज़ाब किया जाएगा।” आयशा रज़ि अल्लाहु अन्हा कहती हैं (यह सुनकर) मैं ने कहा कि क्या अल्लाह तआला नहीं कहता कि « فَسَوْفَ يُحَاسَبُ حِسَابًا يَسِيرًا » “जल्दी उससे आसान हिसाब लिया जाएगा।” (अल-इन्शिक़ाक़: 8) (मालूम हुआ कि आसान हिसाब के बाद अज़ाब का होना कुछ ज़रूरी नहीं) तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “यह (हिसाब जिसका ज़िक्र इस आयत में है असल में हिसाब नहीं है बल्कि कामों का) केवल सामने रखदेना है लेकिन जिस व्यक्ति से हिसाब में जाँच पड़ताल की गई तो वह (बेशक) हलाक होगा।”