سیدنا عمر بن خطاب رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ جب لوگ قحط زدہ ہوتے تو امیرالمؤمنین عمر بن خطاب رضی اللہ عنہ سیدنا عباس بن عبدالمطلب رضی اللہ عنہ کے ذریعے سے بارش برسنے کی دعا مانگتے۔ کہتے کہ اے اللہ! (پہلے) ہم اپنے نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کے ذریعے سے دعائے استسقاء کیا کرتے تھے اور تو بارش برسا دیتا تھا۔ اب ہم اپنے نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کے چچا کے ذریعے سے دعا کرتے ہیں پس (اب بھی) بارش برسا دے۔ (سیدنا انس رضی اللہ عنہ) کہتے ہیں کہ بارش برسنے لگتی تھی۔
हज़रत उमर बिन ख़त्ताब रज़ि अल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि जब लोग अकाल में होते तो अमीरुल मोमिनीन उमर बिन ख़त्ताब रज़ि अल्लाहु अन्ह हज़रत अब्बास बिन मुत्तलिब रज़ि अल्लाहु अन्ह के माध्यम से बारिश बरसने की दुआ मांगते। कहते कि ऐ अल्लाह, (पहले) हम अपने नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के माध्यम से बारिश बरसने की दुआ किया करते थे और तू बारिश बरसा देता था। अब हम अपने नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के चचा के माध्यम से दुआ करते हैं बस (अब भी) बारिश बरसादे। (हज़रत अनस रज़ि अल्लाहु अन्ह) कहते हैं कि बारिश बरसने लगती थी।