سیدنا ابو سعید خدری رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے ایک انصاری شخص کے پاس (بلانے کو) کوئی آدمی بھیجا تو وہ آئے، اس حال میں کہ ان کے سر سے (غسل کا) پانی ٹپک رہا تھا۔ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”شاید ہم نے تمہیں (بلانے میں) جلدی کی؟“ انھوں نے عرض کی کہ ہاں یا رسول اللہ! تو آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”جب جلدی کی جائے یا (اور کسی سبب سے) انزال نہ ہو تو تمہارے اوپر وضو (فرض) ہے (غسل فرض نہیں)۔“(لیکن یہ حکم منسوخ ہے)۔
हज़रत अबु सईद ख़ुदरी रज़ि अल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एक अन्सारी व्यक्ति के पास (बुलाने को) कोई आदमी भेजा तो वह आए, इस हाल में कि उनके सिर से (ग़ुस्ल का) पानी टपक रहा था। नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “शायद हम ने तुम्हें (बुलाने में) जल्दी की है ?” उन्हों ने कहा कि हाँ या रसूल अल्लाह, तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “जब जल्दी की जाए या (और किसी कारण) वीर्यपात न हो तो तुम्हारे उपर वुज़ू (फ़र्ज़) है (ग़ुस्ल फ़र्ज़ नहीं)।” (लेकिन यह हुक्म रद्द कर दिया गया है)।