-" إن من اشد الناس بلاء الانبياء، ثم الذين يلونهم، ثم الذين يلونهم، ثم الذين يلونهم".-" إن من أشد الناس بلاء الأنبياء، ثم الذين يلونهم، ثم الذين يلونهم، ثم الذين يلونهم".
سیدنا ابو عبیدہ بن حذیفہ اپنی پھوپھی سیدہ فاطمہ رضی اللہ عنہا سے روایت کرتے ہیں کہ انہوں نے کہا: ہم چند خواتین رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کی تیمارداری کرنے کے لیے گئیں، آپ صلی اللہ علیہ وسلم کے اوپر ایک مشکیزہ لٹکا ہوا تھا بخار کی حرارت کی وجہ سے اس کے قطرے آپ صلی اللہ علیہ وسلم پر ٹپک رہے تھے ہم نے کہا: اے اللہ کے رسول! اگر آپ اللہ سے شفا کی دعا کریں تو وہ آپ کو شفا دے دے گا۔ یہ سن کر رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”لوگوں میں سے انبیاء پر سب سے کڑی آزمائش پڑتی ہیں، پھر ان پر جو مرتبے میں ان کے قریب ہوتے ہیں، پھر ان پر جو ان کے قریب ہوتے ہیں، پھر ان پر جو ان کے قریب ہوتے ہیں۔“
हज़रत अबु उबेदह बिन हुज़ैफ़ा अपनी बुआ हज़रत फ़ातिमह रज़ि अल्लाहु अन्हा से रिवायत करते हैं कि उन्हों ने कहा कि हम कुछ औरतें रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की देखभाल को गईं जब वह बीमार थे, आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के उपर एक मुश्कीज़ा लटका हुआ था बुख़ार की गर्मी के कारण उसकी बूँदें आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर टपक रही थीं हम ने कहा, ऐ अल्लाह के रसूल यदि आप अल्लाह से शिफ़ा की दुआ करें तो वह आप को शिफ़ा दे देगा। यह सुनकर रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “लोगों में से नबियों पर सबसे कड़ी परीक्षा पड़ती है। फिर उन पर जो दर्जे में उनके क़रीब होते हैं, फिर उन पर जो उनके क़रीब होते हैं, फिर उन पर जो उनके क़रीब होते हैं।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 145
قال الشيخ الألباني: - " إن من أشد الناس بلاء الأنبياء، ثم الذين يلونهم، ثم الذين يلونهم، ثم الذين يلونهم ". _____________________ رواه أحمد (6 / 369) والمحاملي في " الأمالي " (3 / 44 / 2) عن أبي عبيدة بن حذيفة عن عمته فاطمة أنها قالت: " أتينا رسول الله صلى الله عليه وسلم ، نعوده في نسائه، فإذا سقاء معلق نحوه يقطر ماؤه عليه من شدة ما يجد من حر الحمى، قلنا: يا رسول الله لو دعوت الله فشفاك. فقال رسول الله صلى الله عليه وسلم ... " فذكره. وإسناده حسن رجاله كلهم ثقات غير أبي عبيدة هذا فلم يوثقه غير ابن حبان (1 / 275) ، لكن روى عنه جماعة من الثقات. وفي هذه الأحاديث دلالة صريحة على أن المؤمن كلما كان أقوى إيمانا، ازداد ابتلاء وامتحانا، والعكس بالعكس، ففيها رد على ضعفاء العقول والأحلام الذين يظنون أن المؤمن إذا أصيب ببلاء كالحبس أو الطرد أو الإقالة من الوظيفة ونحوها أن ذلك دليل على أن المؤمن غير مرضي عند الله تعالى! وهو ظن باطل، فهذا رسول الله صلى الله عليه وسلم وهو أفضل البشر، كان أشد الناس حتى الأنبياء بلاء، فالبلاء غالبا دليل خير، وليس نذير شر، كما يدل على ذلك أيضا الحديث الآتي: " إن عظم الجزاء مع عظم البلاء، وإن الله إذا أحب قوما ابتلاهم، فمن رضي فله الرضا، ومن سخط فله السخط ". __________جزء : 1 /صفحہ : 275__________ ¤