178- مالك عن زيد بن اسلم عن ابى صالح السمان عن ابى هريرة ان رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”الخيل لرجل اجر ولرجل ستر وعلى رجل وزر. فاما الذى هي له اجر فرجل ربطها فى سبيل الله فاطال لها فى مرج او روضة، فما اصابت فى طيلها ذلك من المرج او الروضة كان له حسنات، ولو انها قطعت طيلها فاستنت شرفا او شرفين كانت آثارها وارواثها حسنات له، ولو انها مرت بنهر فشربت منه ولم يرد ان يسقي به كان ذلك له حسنات فهي له اجر. ورجل ربطها تغنيا وتعففا ولم ينس حق الله فى رقابها ولا ظهورها فهي لذلك ستر. ورجل ربطها فخرا ورياء ونواء لاهل الإسلام فهي على ذلك وزر“، وسئل النبى صلى الله عليه وسلم عن الحمر فقال: ”لم ينزل على فيها شيء إلا هذه الآية الجامعة الفاذة“: {فمن يعمل مثقال ذرة خيرا يره. ومن يعمل مثقال ذرة شرا يره}.178- مالك عن زيد بن أسلم عن أبى صالح السمان عن أبى هريرة أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”الخيل لرجل أجر ولرجل ستر وعلى رجل وزر. فأما الذى هي له أجر فرجل ربطها فى سبيل الله فأطال لها فى مرج أو روضة، فما أصابت فى طيلها ذلك من المرج أو الروضة كان له حسنات، ولو أنها قطعت طيلها فاستنت شرفا أو شرفين كانت آثارها وأرواثها حسنات له، ولو أنها مرت بنهر فشربت منه ولم يرد أن يسقي به كان ذلك له حسنات فهي له أجر. ورجل ربطها تغنيا وتعففا ولم ينس حق الله فى رقابها ولا ظهورها فهي لذلك ستر. ورجل ربطها فخرا ورياء ونواء لأهل الإسلام فهي على ذلك وزر“، وسئل النبى صلى الله عليه وسلم عن الحمر فقال: ”لم ينزل على فيها شيء إلا هذه الآية الجامعة الفاذة“: {فمن يعمل مثقال ذرة خيرا يره. ومن يعمل مثقال ذرة شرا يره}.
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”(بعض) گھوڑے آدمی کے لئے اجر (کا باعث) ہوتے ہیں اور بعض اس کا پردہ ہیں اور بعض آدمی پر بوجھ (گناہ) ہوتے ہیں۔ باعث اجر وہ گھوڑے ہیں جنہیں آدمی اللہ کے راستے میں (جہاد کے لئے) تیار کرتا ہے، پھر وہ ان کی رسی کسی جگہ یا باغ میں لمبی کرتا ہے تو وہ جتنی دور تک اس جگہ یا باغ میں چرتے ہیں تو اس کے لئے نیکی لکھی جاتی ہے اور اگر وہ رسی توڑ کر ایک چڑھائی یا دو چڑھائیوں پر چڑھیں تو اس آدمی کے لئے ان کے قدموں اور لیدوں کے بدلے میں نیکیاں لکھی جاتی ہیں اور اگر وہ کسی نہر کے پاس سے گزرتے ہوئے پانی پئیں اور وہ مالک انہیں پانی پلانے کے لئے نہ لایا ہو تو بھی اس کے لئے نیکیاں لکھی جاتی ہیں اور یہ اس کے لئے اجر ہے۔ دوسرا آدمی جو اپنی ضرورتوں کے لئے دوسرے لوگوں سے بے نیاز ہونے کے لئے اور دوسروں سے مانگنے سے بچنے کے لئے انہیں پالے اور ان کی گردنوں اور پیٹھوں میں اللہ کے حق کو نہ بھلائے تو یہ اس آدمی کے لئے پردہ ہیں اور (تیسرا) آدمی جو فخر، ریا اور مسلمانوں کی دشمنی کے لئے گھوڑے پالتا ہے تو یہ اس کے لئے گناہ ہیں۔“ نبی صلی اللہ علیہ وسلم سے گدھوں کے بارے میں پوچھا گیا تو آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”ان کے بارے میں مجھ پر کوئی چیز نازل نہیں ہوئی سوائے اس جامع منفرد آیت: «فَمَن يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ خَيْرًا يَرَهُ وَمَن يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ شَرًّا يَرَهُ» پس جس نے ذرہ برابر نیکی کی ہو گی تو وہ اسے دیکھ لے گا اور جس نے ذرہ برابر برائی کی ہو گی تو وہ اسے دیکھ لے گا۔“
हज़रत अबु हुरैरा रज़ि अल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “कुछ घोड़े आदमी के लिए सवाब (का कारण) होते हैं और कुछ इस का पर्दा हैं और कुछ आदमी पर बोझ होते हैं। सवाब का कारण वह घोड़े हैं जिन्हें आदमी अल्लाह के रास्ते में (जिहाद के लिए) तैयार करता है, फिर वह उन की रस्सी किसी जगह या बाग़ में लम्बी करता है तो वह जितनी दूर तक उस जगह या बाग़ में चरते हैं तो उस के लिए नेकी लिखी जाती है और अगर वह रस्सी तोड़ कर एक चढ़ाई या दो चढ़ाइयों पर चढ़ें तो उस आदमी के लिए उन के क़दमों और लीदों के बदले में नेकियाँ लिखी जाती हैं और अगर वह किसी नहर के पास से गुज़रते हुए पानी पिएं और वह मालिक उन्हें पानी पिलाने के लिए न लाया हो तो भी उस के लिए नेकियाँ लिखी जाती हैं और ये उस के लिए सवाब है। दूसरा आदमी जो अपनी जरूरतों के लिए दूसरे लोगों से बे परवाह होने के लिए और दूसरों से मांगने से बचने के लिए उन्हें पाले और उन की गर्दनों और पीठों में अल्लाह के हक़ को न भुलाए तो ये उस आदमी के लिए पर्दा हैं और (तीसरा) आदमी जो घमंड, दिखावा और मुसलमानों की दुश्मनी के लिए घोड़े पालता है तो ये उस के लिए पाप हैं।” नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से गधों के बारे में पूछा गया तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “इन के बारे में मुझ पर कोई चीज़ उतरी नहीं सिवाए इस आयत के ! « فَمَن يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ خَيْرًا يَرَهُ وَمَن يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ شَرًّا يَرَهُ » बस जिस ने ज़र्रा बराबर नेकी की होगी तो वह उसे देख लेगा और जिस ने ज़र्रा बराबर बुराई की होगी तो वह उसे देख लेगा।”
تخریج الحدیث: «178- الموطأ (رواية يحييٰ بن يحييٰ 444/2، 445 ح 988، ك 21 ب 1 ح 3) التمهيد 201/4، الاستذكار:927، و أخرجه البخاري (2860) من حديث مالك به.»