اصبحنا واصبح الملك للٰه والحمد للٰه، لا إله إلا الله وحده لا شريك له، له الملك وله الحمد وهو علىٰ كل شيء قدير، رب اسالك خير ما فى هذا اليوم، وخير ما بعدها واعوذ بك من شر ما فى هذا اليوم، وشر ما بعدها رب اعوذ بك من الكسل وسوء الكبر، رب اعوذ بك من عذاب في النار وعذاب في القبر أَصْبَحْنَا وَأَصْبَحَ الْمُلْكُ لِلَٰهِ وَالْحَمْدُ لِلَٰهِ، لَا إِلَهَ إِلَّا اللهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ، لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُ وَهُوَ عَلىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ، رَبِّ أَسْأَلُكَ خَيْرَ مَا فِى هَذَا الْيَوْمِ، وَخَيْرَ مَا بَعْدَهَا وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّ مَا فِى هَذَا الْيَوْمِ، وَشَرِّ مَا بَعْدَهَا رَبِّ أَعُوذُ بِكَ مِنَ الْكَسَلِ وَسُوءِ الْكِبَرِ، رَبِّ أَعُوذُ بِكَ مِنْ عَذَابٍ فِي النَّارِ وَعَذَابٍ فِي الْقَبْرِ
”ہم نے صبح کی اور اللہ کی بادشاہت (کائنات وغیرہ) نے صبح کی، تمام تعریفات اللہ کے لئے ہیں، اللہ کے علاوہ کوئی سچا معبود نہیں وہ اکیلا ہے، اس کا کوئی شریک نہیں، اسی کے لئے بادشاہت ہے اور اسی کے لئے تمام تعریفات اور وہ ہر چیز پر قادر ہے، اے میرے رب! میں تجھ سے اس دن کی بھلائی اور جو اس کے بعد بھلائی ہے کا سوال کرتا ہوں، اور میں اس دن کے شر اور جو اس کے بعد شر ہے سے تیری پناہ میں آتا ہوں، اے میرے رب! میں سُستی، اور بُرے بڑھاپے سے تیری پناہ میں آتا ہوں، اے میرے رب! میں آگ میں اور قبر کے عذاب سے تیری پناہ میں آتا ہوں۔“[صحيح مسلم:2723]
“हम ने सुबह की और अल्लाह की बादशाहत (जगत) ने सुबह की, सारी ताअरीफ़ें अल्लाह के लिए हैं, अल्लाह के सिवा कोई सच्चा ईश्वर नहीं वह अकेला है, उस का कोई साझी नहीं, उसी के लिए बादशाहत है और उसी के लिए सारी ताअरीफ़ें हैं और वह हर चीज़ पर नियंत्रण रखता है, ऐ मेरे रब ! मैं तुझ से इस दिन की भलाई और जो इस के बाद भलाई है उस का सवाल करता हूँ, और में इस दिन की बुराई और जो इस के बाद बुराई है उस से तेरी शरण में आता हूँ, ऐ मेरे रब ! मैं सुस्ती, और बुरे बुढ़ापे से तेरी शरण में आता हूँ, ऐ मेरे रब ! मैं आग से और क़ब्र की सज़ा से तेरी शरण में आता हूँ ।” [सहीह मुस्लिम: 2723]