”اللہ سب سے بڑا ہے، اے اللہ! اسے ہم پر امن و ایمان کے ساتھ اور سلامتی و اسلام کے ساتھ طلوع فرما، اور اس چیز کی توفیق کے ساتھ جسے اے ہمارے رب تو پسند کرتا ہے اور اس سے خوش ہوتا ہے، ہمارا اور تیرا رب اللہ ہے۔“[ضعيف، سنن ترمذي: 3451، سنن الدارمي: 1693]
“अल्लाह सब से बड़ा है, ऐ अल्लाह ! इसे हम पर अमन और ईमान के साथ और सुरक्षा और इस्लाम के साथ निकाल, और उस चीज़ की इच्छा के साथ जिसे ऐ हमारे रब तू पसंद करता है और जिस से ख़ुश होता है, हमारा और तेरा रब अल्लाह है ।” [ज़ईफ़, सुनन त्रिमीज़ी: 3451, सुनन अलदारमी: 1693]