اعوذ بكلمات الله التامات من شر ما خلق أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللهِ التَّامَّاتِ مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ
”میں اللہ تعالی کے کامل کلمات کے ساتھ ہر اس مخلوق کے شر سے جو اس نے پیدا کی (اللہ کی) پناہ میں آتا ہوں۔“(تین مرتبہ)، جس شخص نے شام کو تین مرتبہ یہ کلمات کہے اسے اس رات کوئی زہریلا جانور نقصان نہیں پہنچا سکے گا۔ [صحيح مسلم:2709، عمل اليوم و الليلة للنسائي:591]
“मैं अल्लाह तआला के सारे शब्दों के साथ हर उस प्राणी की बुराई से जो इस ने पैदा की (अल्लाह की) शरण में आता हूँ ।” (तीन मर्तबा) जिस व्यक्ति ने शाम को तीन मर्तबा ये शब्द कहे उसे उस रात कोई ज़हरीला जानवर नुक़सान नहीं पहुंचा सकेगा । [सहीह मुस्लिम: 2709, अमल अलयोम व अल्लेलाह लिलनिसाई: 591]