نماز کے مسائل
नमाज़ के मसले
27. ((باب))
“ दुआ-ए-क़ुनूत का पढ़ा जाना ”
سیدنا انس رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کے دور میں فجر اور مغرب (کی نماز) میں دعائے قنوت (پڑھی جاتی) تھی۔
हज़रत अनस रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के समय में फ़ज्र और मग़रिब (की नमाज़) में दुआ-ए-क़ुनूत (पढ़ी जाती) थी।