سیدنا انس بن مالک رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم عصر کی نماز ایسے وقت پڑھتے تھے کہ آفتاب بلند اور تیز ہوتا تھا، پھر جانے والا عوالی (مدینہ کی نواحی بستیوں) تک جاتا تھا اور ان لوگوں کے پاس ایسے وقت پہنچ جاتا کہ آفتاب بلند ہوتا تھا اور عوالی کے بعض مقامات مدینہ سے چار میل پر یا اس کے قریب ہیں۔
हज़रत अनस बिन मलिक रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अस्र की नमाज़ ऐसे समय पढ़ते थे कि सूर्य ऊँचा और तेज़ होता था, फिर जाने वाला अवाली (मदीने की आसपास की बस्तियों) तक जाता था और उन लोगों के पास ऐसे समय पहुंच जाता कि सूर्य ऊँचा होता था और अवाली की कुछ जगहें मदीने से लगभग चार मील पर हैं।