-" إنما انا بشر، تدمع العين ويخشع القلب ولا نقول ما يسخط الرب، والله يا إبراهيم إنا بك لمحزونون".-" إنما أنا بشر، تدمع العين ويخشع القلب ولا نقول ما يسخط الرب، والله يا إبراهيم إنا بك لمحزونون".
سیدنا محمود بن لبید رضی اللہ عنہ کہتے ہیں: جس دن رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کے بیٹے ابراہیم فوت ہوئے اس دن سورج کو گرہن لگ گیا تھا، آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی آنکھیں اشکبار تھیں۔ صحابہ کرام رضی اللہ عنہم نے کہا: اے اللہ کے رسول! رسول اللہ ہونے کے باوجود آپ بھی رو رہے ہیں؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”میں تو بشر ہی ہوں، آنکھوں سے آنسوں جاری ہیں، دل عاجزی و انکساری کے عالم میں ہے، لیکن ہم کوئی ایسی بات نہیں کریں گے جو رب کو ناراض کر دے۔ اے ابراہیم! بخدا! ہم تیرے (بچھڑنے کی) وجہ سے غم زدہ ہیں۔“
हज़रत महमूद बिन लुबेद रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि जिस दिन रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बेटे इब्राहीम की मौत हुई उस दिन सूर्य को ग्रहण लग गया था, आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ऑंखें भीगी हुई थीं। सहाबा कराम रज़ि अल्लाह अन्हुम ने कहा ऐ अल्लाह के रसूल, रसूल अल्लाह होने के बावजूद आप भी रो रहे हैं ? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “मैं तो इन्सान ही हूँ, आंखों से आँसू बह रहे हैं, दिल नम्रता में है लेकिन हम कोई ऐसी बात नहीं करेंगे जो रब्ब को नाराज़ करदे। ऐ इब्राहीम, अल्लाह की क़सम हम तेरे कारण उदास हैं।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 1732
قال الشيخ الألباني: - " إنما أنا بشر، تدمع العين ويخشع القلب ولا نقول ما يسخط الرب، والله يا إبراهيم إنا بك لمحزونون ". _____________________ أخرجه ابن سعد في " الطبقات " (1 / 142) عن عاصم بن عمر بن قتادة عن محمود ابن لبيد قال: انكسفت الشمس يوم مات إبراهيم بن رسول الله صلى الله عليه وسلم ... ودمعت عيناه فقالوا: يا رسول الله تبكي وأنت رسول الله قال ... فذكره. قلت: وهذا إسناد صحيح رجاله كلهم ثقات، ومحمود بن لبيد صحابي صغير. وله شاهد من حديث شهر بن حوشب عن أسماء بنت يزيد قالت: لما توفى ابن رسول الله صلى الله عليه وسلم إبراهيم بكى رسول الله صلى الله عليه وسلم ، فقال له المعزي، أبو بكر أو عمر: أنت أحق من عظم الله حقه: فقال رسول الله صلى الله عليه وسلم : " تدمع العين ويحزن القلب ولا نقول ما يسخط الرب، لولا أنه وعد صادق __________جزء : 4 /صفحہ : 310__________ وموعود جامع وأن الآخر تابع للأول لوجدنا عليك يا إبراهيم أفضل مما وجدنا وإنا بك لمحزونون ". أخرجه ابن ماجة (1589) وابن سعد (1 / 143) . وهذا إسناد حسن في الشواهد، وقد حسنه البوصيري. وله شواهد أخرى عند ابن سعد (1 / 136 - 140) منها عن أنس بن مالك وهو في " الصحيحين "، وقد خرجته في " فقه السيرة للأستاذ الغزالي " (ص 484) . ¤