متفرق متفرق विभिन्न हदीसें 1. امت محمدیہ علی صاحبہا الصلوۃ والسلام کی فضیلت 1. १. “ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की उम्मत की फ़ज़ीलत ” 2. محمد صلی اللہ علیہ وسلم آخری نبی ہیں 2. २. “ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम आख़री नबी हैं ” 3. بخیل اور سخی کی تمثیل 3. ३. “ कंजूस और दान करने वाले की मिसाल ” 4. حضور صلی اللہ علیہ وسلم امت کو جہنم کی آگ سے بچاتے ہیں 4. ४. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का अपनी उम्मत को जहन्नम की आग से बचना ” 5. جنت کے درخت کا سایہ 5. ५. “ जन्नत के पेड़ का साया ” 6. حسد اور پیٹھ پیچھے برائی کی ممانعت 6. ६. “ हसद यानि जलन और पीठ पीछे बुराई से रोक ” 7. جمعہ کے دن قبولیت کی گھڑی 7. ७. “ जुमाअ के दिन दुआ स्वीकार होने का समय ” 8. فجر اور عصر کی نمازوں کی فضلیت 8. ८. “ फ़जर और असर की नमाज़ की फ़ज़ीलत ” 9. فرشتون کی نمازی کے لیے دعا 9. ९. “ फरिश्तों की नमाज़ी के लिए दुआ ” 10. نماز میں آمین کہنے پر سابقہ گناہوں کی معافی 10. १०. “ नमाज़ में आमीन कहने पर पिछले पाप माफ़ होजाना ” 11. قربانی کے جانور پر سواری کی اجازت 11. ११. “ क़ुरबानी के जानवर पर सवारी की अनुमति ” 12. کم ہسنا اور زیادہ رونا 12. १२. “ कम हंसना और ज़ियादा रोना ” 13. چہرے پر مارنے کی ممانعت 13. १३. “ चेहरे पर मारना मना है ” 14. دوزخ کی آگ شدت میں دنیاوی آگ سے 70 گنا زیادہ ہے 14. १४. “ जहन्नम की आग की सख़्ती दुनिआ की आग से ज़ियादा ” 15. اللہ عزوجل کی رحمت اس کے غضب پر غالب ہے 15. १५. “ अल्लाह तआला की रहमत उसके ग़ुस्से पर हावी है ” 16. روزے کی فضیلت 16. १६. “ रोज़े की फ़ज़ीलत ” 17. روزہ دار کے منہ کی بو مشک سے بھی زیادہ خوشبودار ہے 17. १७. “ रोज़ेदार की मुंह की गंध मुश्क से ज़ियादा अच्छी होना ” 18. ایک نبی کا چیونٹیوں کا جلانا 18. १८. “ नबी द्वारा चींटियों को जलाना ” 19. رسول کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا شوق جہاد فی سبیل اللہ 19. १९. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को जिहाद का शौक़ ” 20. ہر نبی کے لیے ایک دعائے مستجاب 20. २०. “ हर नबी को स्वीकार होने वाली दुआ का मिलना ” 21. اللہ سے ملاقات کی چاہت 21. २१. “ अल्लाह तआला से मिलने की इच्छा ” 22. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کی اطاعت، اللہ کی اطاعت 22. २२. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की इताअत यानि अल्लाह की इताअत ” 23. قیامت کی نشانیاں 23. २३. “ क़यामत की निशानियां ” 24. قیامت کی نشانی، دو بڑی جماعتوں کی جنگ 24. २४. “ क़यामत की निशानी दो बढ़े दलों की जंग ” 25. قیامت سے پہلے تیس جھوٹے نبیوں کا ظہور 25. २५. “ क़यामत से पहले झूठे नबियों का होना ” 26. قیامت کی نشانی سورج کا مغرب سے طلوع ہونا 26. २६. “ क़यामत की निशानी सूरज का पश्चिम से निकलना ” 27. اذان سن کر شیطان بھاگ جاتا ہے 27. २७. “ अज़ान सुनकर शैतान का भागना ” 28. اللہ کا ہاتھ بڑی سخاوت والا ہے 28. २८. “ अल्लाह का हाथ बड़ा दान करने वाला है ” 29. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم سے غیر صحابی کی محبت 29. २९. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को देखने की इच्छा ” 30. قیصر و کسریٰ کی ہلاکت کی پشین گوئی اور لڑائی مکر و فریب کا نام ہے 30. ३०. “ क़ैसर व कसरा की तबाही के बारे में और जंग एक धोका ” 31. نیکوکار لوگوں کے لیے جنت میں عجیب و غریب نعمتیں 31. ३१. “ नेक लोगों के लिए जन्नत में चीज़ें ” 32. کثرت سوال سے پرہیز 32. ३२. “ ज़ियादा सवाल करना मना है ” 33. جنبی کے لیے روزے کا حکم 33. ३३. “ अपवित्र लोगों के लिए रोज़े के नियम ” 34. اللہ عزوجل کے اسمائے حسنیٰ 34. ३४. “ अल्लाह तआला के अच्छे नाम ” 35. مالدار کی بجائے غریب کو دیکھو 35. ३५. “ अमीरों के बदले गरीबों को देखो ” 36. جس برتن میں کتا منہ ڈال دے اس جھوٹے برتن کی پاکی 36. ३६. “ जिस बर्तन में कुत्ता मुंह डाले उस को पाक करना ” 37. نماز باجماعت کی تاکید اور سستی کرنے والوں کے لیے وعید شدید 37. ३७. “ जमाअत से नमाज़ न पढ़ने वालों के बारे में ” 38. ایک جوتا پہن کر چلنے کی ممانعت 38. ३८. “ एक जूता पहन कर न चलो ” 39. نذر تقدیر کو نہیں ٹالتی، البتہ نذر ماننے سے بخیل کا مال نکالا جاتا ہے 39. ३९. “ नज़र नसीब को नहीं बदलती इसके द्वारा कंजूस का माल निकल जाता है ” 40. انفاق فی سبیل للہ کی برکت 40. ४०. “ अल्लाह के रासते में ख़र्च करने की बरकत ” 41. سیدنا عیسیٰ علیہ السلام اور ایک چور کا واقعہ 41. ४१. “ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम और एक चोर का क़िस्सा ” 42. رسول کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا دشمن پر رعب عطا ہوا تھا 42. ४२. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का दुश्मन पर रौअब ” 43. رسول کریم صلی اللہ علیہ وسلم اللہ کے خزانچی ہیں 43. ४३. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के खज़ांची हैं ” 44. امام کی اقتداء ضروری ہے 44. ४४. “ इमाम की पैरवी करना ज़रूरी है ” 45. نماز میں صف بندی کا حکم 45. ४५. “ नमाज़ में ठीक सफें बनाने का हुक्म ” 46. سیدنا آدم علیہ السلام اور موسیٰ علیہ اسلام کے درمیان مباحثہ 46. ४६. “ हज़रत आदम और हज़रत मूसा अलैहिमुस्सलाम के बीच बहस ” 47. سیدنا ایوب علیہ السلام پر سونے کی ٹڈیوں کی برکھا 47. ४७. “ हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम पर सोने की टिड्डियों की बारिश ” 48. سیدنا دواؤد علیہ السلام کا زبور پڑھنا اور اپنے ہاتھوں کی کمائی کھانا 48. ४८. “ हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम का ज़बूर पढ़ना और अपने हाथों की कमाई खाना ” 49. اچھا خواب نبوت کا چھیالیسواں حصہ ہے 49. ४९. “ अच्छा सपना नबवत का चालीसवां भाग है ” 50. کون کسے سلام کرے 50. ५०. “ कौन किसे सलाम करे ” 51. کفار کے ساتھ جہاد و قتال کا حکم 51. ५१. “ कुफ़्फ़ार के साथ जिहाद और जंग का हुक्म ” 52. جنت اور دوزخ کے مابین مباحثہ 52. ५२. “ जन्नत और जहन्नम की बहस ” 53. استنجا کرتے وقت طاق ڈھیلے استعمال کرو 53. ५३. “ इस्तंजा करते समय बे जोड़ गिन्ती में ढेलों का प्रयोग करना ” 54. ایک نیکی کا ثواب دس نیکیاں 54. ५४. “ एक नेकी का सवाब दस नेकियों के बराबर ” 55. جنت کی معمولی جگہ کی قدر و قیمت ساری دنیا سے بہتر ہے 55. ५५. “ जन्नत की ज़रा सी जगह सारी दुनिया से अच्छी ” 56. جنت کا سب سے کم درجہ 56. ५६. “ जन्नत का सब से छोटा दर्जा ” 57. انصار صحابہ کرام رضی اللہ عنہم کی فضلیت 57. ५७. “ अंसार सहाबा रज़ि अल्लाहु अन्हुम की फ़ज़ीलत ” 58. اگر بنی اسائیل اور حواء نہ ہوتیں تو 58. ५८. “ अगर बनी इसराईल और अम्मा हव्वा न होतीं ” 59. سیدنا آدم علیہ السلام کی تخلیق اور سلام کا طریقہ 59. ५९. “ आदम अलैहिस्सलाम का निर्माण और सलाम करने का तरीक़ा ” 60. سیدنا موسیٰ علیہ السلام نے موت کے فرشتے کی آنکھ پھوڑ دی 60. ६० . “ मूसा अलैहिस्सलाम का फ़रिश्ते की आंख फोड़ना ” 61. سیدنا موسیٰ علیہ السلام کے متعلق بنی اسرائیل کی بدگمانی کا بطلان 61. ६१. “ मूसा अलैहिस्सलाम के बारे में बनी इसराईल की बदगुमानी ” 62. اصل امیری دل کی امیری ہے 62. ६२. “ असली अमीरी दिल की अमीरी ” 63. مالدار مقروض کی وعدے میں تاخیر ظلم ہے 63. ६३. “ अमीर आदमी का उधार लौटाने में देर करना ज़ुल्म है ” 64. مخلوق کے لیے شہنشاہ سخت ناپسندیدہ نام ہے 64. ६४. “ इंसान को शहंशाह कहना बहुत बुरा है ” 65. تکبر کی سزا 65. ६५. “ अहंकार की सज़ा ” 66. اللہ عزوجل اپنے بندے سے اس کے گمان کے مطابق معاملہ کرتا ہے 66. ६६. “ अल्लाह तआला अपने बंदे के गुमान के जैसा है ” 67. ہر بچہ فطرت اسلام پر پیدا ہوتا ہے 67. ६७. “ हर बच्चा इस्लाम पर पैदा होता है ” 68. انسانی جسم سے ریڑھ کی ہڈی کو زمین نہیں کھاتی 68. ६८. “ इंसान की रीढ़ की हड्डी ज़मीन नहीं खाती ” 69. صوم و صال کی ممانعت 69. ६९. “ विसाल रोज़ा रखना मना है ” 70. سو کر اٹھنے کے بعد وضو کے پانی میں ہاتھ ڈالنے کی ممانعت 70. ७०. “ सोकर उठने के बाद वुज़ू के पानी में हाथ डालना मना है ” 71. انسان کے جوڑوں پر ہر روز صدقہ واجب ہے 71. ७१. “ इंसान के हर जोड़ पर हर दिन सदक़ह वाजिब होना ” 72. جانوروں کی زکوۃ ادا نہ کرنے کا انجام بد 72. ७२. “ जानवरों की ज़कात न देने का बुरा अंजाम ” 73. مال کی زکوۃ ادا نہ کرنے کا انجام 73. ७३. “ माल की ज़कात न देने का अंजाम ” 74. ٹھہرے ہوئے پانی میں پیشاب کی ممانعت 74. ७४. “ खड़े पानी में पेशाब करना मना है ” 75. حقیقی مسکین کون ہے 75. ७५. “ असली ग़रीब कौन है ” 76. عورت اپنے خاوند کی اجازت کے بغیر نفلی روزہ نہ رکھے 76. ७६. “ औरत पति की अनुमति के बिना नफ़ली रोज़ा न रखे ” 77. موت کی تمنا مت کرو 77. ७७. “ मोत की इच्छा करना मना है ” 78. انگور، کو ”کرم“ نہ کہو، مسلمان ”کرم“ ہے 78. ७८. “ अंगूर को करम कहना मना है ” 79. ایک دفینے کا عمدہ فیصلہ 79. ७९. “ एक दबे हुए ख़ज़ाने का अच्छा फ़ैसला ” 80. اللہ تعالیٰ بندے کی توبہ پر خوش ہوتا ہے 80. ८०. “ अल्लाह तआला का बंदे की तोबा पर ख़ुश होना ” 81. اللہ تعالیٰ فرماتا ہے: میری طرف آ کر تو دیکھ 81. ८१. “ अल्लाह तआला का बंदे के क़रीब आना ” 82. وضو کے دوران ناک میں پانی ڈالنا 82. ८२. “ वुज़ू करते समय में नाक में पानी डालना ” 83. رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کی سخاوت 83. ८३. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का दान ” 84. کھانا پیش کرنے والے کو بھی کھانے میں شریک کرنا 84. ८४. “ खाना देने वाले को भी साथ खाना खिलाना ” 85. اپنے مالک کو ”رب“ اورغلام کو ”عبدی“ یا ”امتی“ نہ کہو 85. ८५. “ अपने मालिक को रब्ब और ग़ुलाम को अबदी या उम्मती न कहो ” 86. جنت میں سب سے پہلے جانے والے گروہ کی فضیلت 86. ८६. “ जन्नत में सब से पहले जाने वाले समूह की फ़ज़ीलत ” 87. حضور صلی اللہ علیہ وسلم کی اپنی امت پر شفقت 87. ८७. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की अपनी उम्मत के लिए हमदर्दी ” 88. پہلی امتوں کے لیے مال غنیمت حلال نہ تھا 88. ८८. “ पिछली उम्मतों के लिए माल ग़नीमत हलाल न था ” 89. بلی پر ظلم کرنے والی عورت کے لیے عذاب 89. ८९. “ बिल्ली पर ज़ुल्म करेन वाली औरत पर अज़ाब ” 90. ایمان کے منافی اعمال 90. ९०. “ वह कर्म जो ईमान के नहीं हैं ” 91. رسالت محمدیہ علی صاحبہا الصلاٰۃ والسلام پر ایمان لائے بغیر نجات نہیں 91. ९१. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर ईमान लाए बिना निजात नहीं ” 92. امام کو غلطی پر خبردار کرنا 92. ९२. “ इमाम को ग़लती करने पर कैसे सूचित किया जाए ” 93. اللہ کی راہ میں کھایا ہوا زخم 93. ९३. “ अल्लाह के लिए घाव खाना ” 94. رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کے لیے صدقے کی چیز منع تھی 94. ९४. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के लिए सदक़ा मना था ” 95. لوگوں کا سوال کہ اللہ کو کس نے پیدا کیا؟ 95. ९५. “ लोगों का सवाल कि अल्लाह को किसने पैदा किया ” 96. قسم کا کفارہ 96. ९६. “ क़सम का कफ़्फ़ारा ” 97. دو قسم کھانے والوں کے درمیان قرعہ اندازی 97. ९७. “ दो क़सम खाने वलों के बीच क़ुरआ अंदाज़ी ” 98. حدیث مصراۃ 98. ९८. “ हदीस मसरात ” थनों में दूध रोक दिए गए जानवर को ख़रीदने के बारे में 99. بوڑھے شخص طول عمر اور کثرت مال کی تمنا 99. ९९. “ बूढ़े को लंबी उमर और माल की इच्छा होना ” 100. کسی مسلمان بھائی کی طرف ہتھیار سے اشارہ نہ کرو 100. १००. “ किसी मुसलमान की तरफ़ हथियार से इशारा न करो ” 101. اللہ تعالی کا ایک کافر قوم پر سخت غصہ 101. १०१. “ अल्लाह तआला का काफ़िर क़ौम पर ग़ुस्सा ” 102. اللہ تعالی کا اس شخص پر سخت غصہ جسے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے قتل کیا 102. १०२. “ अल्लाह तआला का उस व्यक्ति पर ग़ुस्सा जिसे अल्लाह के रसूल ने क़त्ल किया ” 103. انسانی اعضاء کا زنا 103. १०३. “ इंसान के अंगों का ज़िना ” 104. ایک نیکی کا سات سو گناہ تک بڑھنا 104. १०४. “ एक नेकी सात सो गुना ज़ियादा ” 105. امام نماز میں تخفیف کرے 105. १०५. “ इमाम नमाज़ हल्की और छोटी पढ़ाए ” 106. ترک گناہ پر نیکی کا ثواب 106. १०६. “ पाप करने का इरादा करे और फिर न करने पर नेकी का सवाब ” 107. اللہ تعالٰی کو برا بھلا مت کہو 107. १०७ . “ अल्लाह तआला को बुरा भला न कहो ” 108. گرمیوں میں نماز ظہر کو ٹھنڈی کر کے پڑھنا 108. १०८. “ गर्मियों में ज़ुहर की नमाज़ को ठंडे समय में पढ़ना ” 109. بغیر وضو نماز نہیں ہوتی 109. १०९. “ बिना वुज़ू नमाज़ नहीं ” 110. نماز کے لیے مسجد کی طرف اطمینان سے آؤ 110. ११०. “ नमाज़ के लिए मस्जिद में आराम से चल कर आओ ” 111. قاتل اور مقتول دونوں پر اللہ تعالیٰ کا ہنسنا 111. १११. “ अल्लाह तआला का क़ातिल और मक़तूल दोनों पर हंसना ” 112. کسی کی بیع پر بیع اور منگنی پر منگنی منع ہے 112. ११२. “ किसी के सौदे पर सौदा करना और सगाई पर सगाई भेजना मना है ” 113. کافر سات اور مومن ایک آنت میں کھاتا ہے 113. ११३. “ काफ़िर सात आंतों में और मोमिन एक आंत में खता है ” 114. سیدنا خضر علیہ السلام کا نام ”خضر“ کیوں رکھا گیا؟ 114. ११४. “ ख़िज़र अलैहिस्सलाम का नाम ख़िज़र कैसे हुआ ” 115. تکبر اور غرور سے کپڑا ٹخنوں سے نیچے لٹکانا 115. ११५. “ अभिमान और घमंड में कपड़ा टख़नों से नीचे लटकाना ” 116. بنی اسرائیل کی ایک نافرمانی کا بیان 116. ११६. “ बनि इसराईल का आज्ञा न मानने के बारे में ” 117. نیند غالب ہو تو نماز نہ پڑھو 117. ११७. “ बहुत नींद आ रही हो तो नमाज़ न पढ़ी जाए ” 118. زمانے کو برا مت کہو 118. ११८. “ ज़माने को बुरा न कहो ” 119. اچھا غلام کون ہے 119. ११९. “ अच्छा ग़ुलाम कौन है ” 120. حالت نماز میں تھوک آجائے تو۔۔۔؟ 120. १२०. “ नमाज़ के भींच में थूक आजाए तो ” 121. خطبہ جمعہ خاموشی سے سننا 121. १२१. “ जुमआ का ख़ुत्बा ख़ामोशी से सुनना ” 122. جس کا کوئی ولی نہیں اس کا میں ولی ہوں 122. १२२. “ जिसका कोई वली नहीं उसका वली मैं हूँ ” 123. دعا عزم مصمم کے ساتھ کرو یہ مت کہو کہ اے اللہ! تو چاہے تو بخش دے 123. १२३. “ दुआ पूरे विश्वास के साथ करो यह न कहो अगर तू चाहे ” 124. پہلی امتوں کے لیے مال غنیمت جائز نہ تھا۔۔۔ اور ایک نبی کا واقعہ 124. १२४. “ पिछली उम्मतों के लिए माल ग़नीमत जाइज़ नहीं था और एक नबी का क़िस्सा ” 125. سیدنا ابوبکر و عمر رضی اللہ عنہما کی خلافت کی طرف اشارہ 125. १२५ . “ हज़रत अबू-बकर और हज़रत उमर रज़ि अल्लाहु अन्हुमा की ख़िलाफ़त की तरफ़ इशारा ” 126. قیامت سے پہلے ایک عجمی قوم سے لڑائی 126. १२६. “ क़यामत से पहले एक आजमी क़ौम से जंग होना ” 127. قیامت سے پہلے بال کے جوتے والوں سے جنگ 127. १२७. “ क़यामत से पहले बाल के जूते वालों से जंग होना ” 128. گھوڑے اور اونٹ والوں میں فخر و غرور اور بکری والوں میں عاجزی ہوتی ہے 128. १२८. “ घोड़े और ऊंट वालों में घमंड और बकरी वालों में नरम स्वभाव का होना ” 129. امارت اور حکمرانی قریش کا حق ہے 129. १२९. “ शासन करना क़ुरैश का हक़ ” 130. قریش کی عورتوں کی فضیلت 130. १३०. “ क़ुरैश औरतों की फ़ज़ीलत ” 131. نظر لگنا حق ہے اور سرمہ بھروانا ممنوع ہے 131. १३१ . “ नज़र लगना हक़ है और सुरमह भरवाना मना है ” 132. نماز کے انتظار کا ثواب اور فضیلت 132. १३२ . “ नमाज़ के इंतज़ार का सवाब और फ़ज़ीलत ” 133. اوپر والا ہاتھ نیچے والے ہاتھ سے بہتر ہے 133. १३३. “ ऊपर वाला हाथ नीच वाले हाथ से अच्छा है ” 134. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا عیسی علیہ السلام سے قریبی تعلق 134. १३४ . “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का ईसा अलैहिस्सलाम से नज़दीक का नाता ” 135. دو جھوٹے نبیوں کے بارے میں نبی صلی اللہ علیہ وسلم کی پیشن گوئی 135. १३५ . “ दो झूठे नबियों के बारे में रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बताया ” 136. اللہ تعالی کی رحمت ہی سے جنت ملے گی 136. १३६ . “ अल्लाह तआला की रहमत से ही जन्नत मिलेगी ” 137. دو قسم کی تجارت اور دو قسم کا لباس منع ہے 137. १३७. “ दो तरह का व्यापार करना और दो तरह के कपड़े पहनना मना हैं ” 138. کن کن صورتوں میں قصاص اور تاوان نہ لیا جائے 138. १३८. “ किन हालतों में क़सास और ख़ून बहा न लिया जाए ” 139. مال غنیمت کی تقسیم کے حکم کے متعلق 139. १३९. “ माल ग़नीमत के बंटवारे के नियम ” |
صحيفه همام بن منبه
सहीफ़ा हम्माम इब्न मुनब्बिह متفرق متفرق विभिन्न हदीसें نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا عیسی علیہ السلام سے قریبی تعلق १३४ . “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का ईसा अलैहिस्सलाम से नज़दीक का नाता ”
اور رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”میں دینا و آخرت (دونوں جہانوں) میں عیسٰی بن مریم علیہ السلام کے سب سے زیادہ قریب ہوں۔“ صحابہ کرام رضی اللہ عنہم نے عرض کی: یا رسول اللہ! وہ کیسے؟ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”(تمام) انبیاء علاتی بھائی ہیں، ان کی مائیں الگ الگ ہیں، مگر دین سب کا ایک (ہی) ہے۔ پس ہم دونوں کے درمیان کوئی نبی نہیں۔“
تخریج الحدیث: «صحيح بخاري، كتاب أحاديث الأنبياء، باب قول الله تعالٰي ﴿وَاذْكُرْ فِي الْكِتَابِ مَرْيَمَ إِذِ انْتَبَذَتْ مِنْ أَهْلِهَا مَكَانًا شَرْقِيًّا﴾، رقم: 3442، 3443 - صحيح مسلم، كتاب الفضائل، باب فضائل عيسيٰ عليه السلام، رقم: 2365/143، وحدثنا محمد بن رافع: حدثنا عبدالرزاق: حدثنا معمر عن همام بن منبه، قال: هذا ما حدثنا أبو هريرة رضى الله عنه عن رسول الله صلى الله عليه وسلم، فذكر أحاديث منها: وقال رسول الله صلى الله عليه وسلم:.... - مسند أحمد: 107/16، رقم: 138/8231 - شرح السنة، كتاب الفضائل، باب فضائل سيد الأولين والآخرين، رقم: 3619 وقال: هذا حديث متفق على صحته.»
|
https://islamicurdubooks.com/ 2005-2024 islamicurdubooks@gmail.com
No Copyright Notice.
Please feel free to download and use them as you would like.
Acknowledgement / a link to https://islamicurdubooks.com will be appreciated.