متفرق متفرق विभिन्न हदीसें 1. امت محمدیہ علی صاحبہا الصلوۃ والسلام کی فضیلت 1. १. “ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की उम्मत की फ़ज़ीलत ” 2. محمد صلی اللہ علیہ وسلم آخری نبی ہیں 2. २. “ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम आख़री नबी हैं ” 3. بخیل اور سخی کی تمثیل 3. ३. “ कंजूस और दान करने वाले की मिसाल ” 4. حضور صلی اللہ علیہ وسلم امت کو جہنم کی آگ سے بچاتے ہیں 4. ४. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का अपनी उम्मत को जहन्नम की आग से बचना ” 5. جنت کے درخت کا سایہ 5. ५. “ जन्नत के पेड़ का साया ” 6. حسد اور پیٹھ پیچھے برائی کی ممانعت 6. ६. “ हसद यानि जलन और पीठ पीछे बुराई से रोक ” 7. جمعہ کے دن قبولیت کی گھڑی 7. ७. “ जुमाअ के दिन दुआ स्वीकार होने का समय ” 8. فجر اور عصر کی نمازوں کی فضلیت 8. ८. “ फ़जर और असर की नमाज़ की फ़ज़ीलत ” 9. فرشتون کی نمازی کے لیے دعا 9. ९. “ फरिश्तों की नमाज़ी के लिए दुआ ” 10. نماز میں آمین کہنے پر سابقہ گناہوں کی معافی 10. १०. “ नमाज़ में आमीन कहने पर पिछले पाप माफ़ होजाना ” 11. قربانی کے جانور پر سواری کی اجازت 11. ११. “ क़ुरबानी के जानवर पर सवारी की अनुमति ” 12. کم ہسنا اور زیادہ رونا 12. १२. “ कम हंसना और ज़ियादा रोना ” 13. چہرے پر مارنے کی ممانعت 13. १३. “ चेहरे पर मारना मना है ” 14. دوزخ کی آگ شدت میں دنیاوی آگ سے 70 گنا زیادہ ہے 14. १४. “ जहन्नम की आग की सख़्ती दुनिआ की आग से ज़ियादा ” 15. اللہ عزوجل کی رحمت اس کے غضب پر غالب ہے 15. १५. “ अल्लाह तआला की रहमत उसके ग़ुस्से पर हावी है ” 16. روزے کی فضیلت 16. १६. “ रोज़े की फ़ज़ीलत ” 17. روزہ دار کے منہ کی بو مشک سے بھی زیادہ خوشبودار ہے 17. १७. “ रोज़ेदार की मुंह की गंध मुश्क से ज़ियादा अच्छी होना ” 18. ایک نبی کا چیونٹیوں کا جلانا 18. १८. “ नबी द्वारा चींटियों को जलाना ” 19. رسول کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا شوق جہاد فی سبیل اللہ 19. १९. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को जिहाद का शौक़ ” 20. ہر نبی کے لیے ایک دعائے مستجاب 20. २०. “ हर नबी को स्वीकार होने वाली दुआ का मिलना ” 21. اللہ سے ملاقات کی چاہت 21. २१. “ अल्लाह तआला से मिलने की इच्छा ” 22. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کی اطاعت، اللہ کی اطاعت 22. २२. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की इताअत यानि अल्लाह की इताअत ” 23. قیامت کی نشانیاں 23. २३. “ क़यामत की निशानियां ” 24. قیامت کی نشانی، دو بڑی جماعتوں کی جنگ 24. २४. “ क़यामत की निशानी दो बढ़े दलों की जंग ” 25. قیامت سے پہلے تیس جھوٹے نبیوں کا ظہور 25. २५. “ क़यामत से पहले झूठे नबियों का होना ” 26. قیامت کی نشانی سورج کا مغرب سے طلوع ہونا 26. २६. “ क़यामत की निशानी सूरज का पश्चिम से निकलना ” 27. اذان سن کر شیطان بھاگ جاتا ہے 27. २७. “ अज़ान सुनकर शैतान का भागना ” 28. اللہ کا ہاتھ بڑی سخاوت والا ہے 28. २८. “ अल्लाह का हाथ बड़ा दान करने वाला है ” 29. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم سے غیر صحابی کی محبت 29. २९. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को देखने की इच्छा ” 30. قیصر و کسریٰ کی ہلاکت کی پشین گوئی اور لڑائی مکر و فریب کا نام ہے 30. ३०. “ क़ैसर व कसरा की तबाही के बारे में और जंग एक धोका ” 31. نیکوکار لوگوں کے لیے جنت میں عجیب و غریب نعمتیں 31. ३१. “ नेक लोगों के लिए जन्नत में चीज़ें ” 32. کثرت سوال سے پرہیز 32. ३२. “ ज़ियादा सवाल करना मना है ” 33. جنبی کے لیے روزے کا حکم 33. ३३. “ अपवित्र लोगों के लिए रोज़े के नियम ” 34. اللہ عزوجل کے اسمائے حسنیٰ 34. ३४. “ अल्लाह तआला के अच्छे नाम ” 35. مالدار کی بجائے غریب کو دیکھو 35. ३५. “ अमीरों के बदले गरीबों को देखो ” 36. جس برتن میں کتا منہ ڈال دے اس جھوٹے برتن کی پاکی 36. ३६. “ जिस बर्तन में कुत्ता मुंह डाले उस को पाक करना ” 37. نماز باجماعت کی تاکید اور سستی کرنے والوں کے لیے وعید شدید 37. ३७. “ जमाअत से नमाज़ न पढ़ने वालों के बारे में ” 38. ایک جوتا پہن کر چلنے کی ممانعت 38. ३८. “ एक जूता पहन कर न चलो ” 39. نذر تقدیر کو نہیں ٹالتی، البتہ نذر ماننے سے بخیل کا مال نکالا جاتا ہے 39. ३९. “ नज़र नसीब को नहीं बदलती इसके द्वारा कंजूस का माल निकल जाता है ” 40. انفاق فی سبیل للہ کی برکت 40. ४०. “ अल्लाह के रासते में ख़र्च करने की बरकत ” 41. سیدنا عیسیٰ علیہ السلام اور ایک چور کا واقعہ 41. ४१. “ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम और एक चोर का क़िस्सा ” 42. رسول کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا دشمن پر رعب عطا ہوا تھا 42. ४२. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का दुश्मन पर रौअब ” 43. رسول کریم صلی اللہ علیہ وسلم اللہ کے خزانچی ہیں 43. ४३. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के खज़ांची हैं ” 44. امام کی اقتداء ضروری ہے 44. ४४. “ इमाम की पैरवी करना ज़रूरी है ” 45. نماز میں صف بندی کا حکم 45. ४५. “ नमाज़ में ठीक सफें बनाने का हुक्म ” 46. سیدنا آدم علیہ السلام اور موسیٰ علیہ اسلام کے درمیان مباحثہ 46. ४६. “ हज़रत आदम और हज़रत मूसा अलैहिमुस्सलाम के बीच बहस ” 47. سیدنا ایوب علیہ السلام پر سونے کی ٹڈیوں کی برکھا 47. ४७. “ हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम पर सोने की टिड्डियों की बारिश ” 48. سیدنا دواؤد علیہ السلام کا زبور پڑھنا اور اپنے ہاتھوں کی کمائی کھانا 48. ४८. “ हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम का ज़बूर पढ़ना और अपने हाथों की कमाई खाना ” 49. اچھا خواب نبوت کا چھیالیسواں حصہ ہے 49. ४९. “ अच्छा सपना नबवत का चालीसवां भाग है ” 50. کون کسے سلام کرے 50. ५०. “ कौन किसे सलाम करे ” 51. کفار کے ساتھ جہاد و قتال کا حکم 51. ५१. “ कुफ़्फ़ार के साथ जिहाद और जंग का हुक्म ” 52. جنت اور دوزخ کے مابین مباحثہ 52. ५२. “ जन्नत और जहन्नम की बहस ” 53. استنجا کرتے وقت طاق ڈھیلے استعمال کرو 53. ५३. “ इस्तंजा करते समय बे जोड़ गिन्ती में ढेलों का प्रयोग करना ” 54. ایک نیکی کا ثواب دس نیکیاں 54. ५४. “ एक नेकी का सवाब दस नेकियों के बराबर ” 55. جنت کی معمولی جگہ کی قدر و قیمت ساری دنیا سے بہتر ہے 55. ५५. “ जन्नत की ज़रा सी जगह सारी दुनिया से अच्छी ” 56. جنت کا سب سے کم درجہ 56. ५६. “ जन्नत का सब से छोटा दर्जा ” 57. انصار صحابہ کرام رضی اللہ عنہم کی فضلیت 57. ५७. “ अंसार सहाबा रज़ि अल्लाहु अन्हुम की फ़ज़ीलत ” 58. اگر بنی اسائیل اور حواء نہ ہوتیں تو 58. ५८. “ अगर बनी इसराईल और अम्मा हव्वा न होतीं ” 59. سیدنا آدم علیہ السلام کی تخلیق اور سلام کا طریقہ 59. ५९. “ आदम अलैहिस्सलाम का निर्माण और सलाम करने का तरीक़ा ” 60. سیدنا موسیٰ علیہ السلام نے موت کے فرشتے کی آنکھ پھوڑ دی 60. ६० . “ मूसा अलैहिस्सलाम का फ़रिश्ते की आंख फोड़ना ” 61. سیدنا موسیٰ علیہ السلام کے متعلق بنی اسرائیل کی بدگمانی کا بطلان 61. ६१. “ मूसा अलैहिस्सलाम के बारे में बनी इसराईल की बदगुमानी ” 62. اصل امیری دل کی امیری ہے 62. ६२. “ असली अमीरी दिल की अमीरी ” 63. مالدار مقروض کی وعدے میں تاخیر ظلم ہے 63. ६३. “ अमीर आदमी का उधार लौटाने में देर करना ज़ुल्म है ” 64. مخلوق کے لیے شہنشاہ سخت ناپسندیدہ نام ہے 64. ६४. “ इंसान को शहंशाह कहना बहुत बुरा है ” 65. تکبر کی سزا 65. ६५. “ अहंकार की सज़ा ” 66. اللہ عزوجل اپنے بندے سے اس کے گمان کے مطابق معاملہ کرتا ہے 66. ६६. “ अल्लाह तआला अपने बंदे के गुमान के जैसा है ” 67. ہر بچہ فطرت اسلام پر پیدا ہوتا ہے 67. ६७. “ हर बच्चा इस्लाम पर पैदा होता है ” 68. انسانی جسم سے ریڑھ کی ہڈی کو زمین نہیں کھاتی 68. ६८. “ इंसान की रीढ़ की हड्डी ज़मीन नहीं खाती ” 69. صوم و صال کی ممانعت 69. ६९. “ विसाल रोज़ा रखना मना है ” 70. سو کر اٹھنے کے بعد وضو کے پانی میں ہاتھ ڈالنے کی ممانعت 70. ७०. “ सोकर उठने के बाद वुज़ू के पानी में हाथ डालना मना है ” 71. انسان کے جوڑوں پر ہر روز صدقہ واجب ہے 71. ७१. “ इंसान के हर जोड़ पर हर दिन सदक़ह वाजिब होना ” 72. جانوروں کی زکوۃ ادا نہ کرنے کا انجام بد 72. ७२. “ जानवरों की ज़कात न देने का बुरा अंजाम ” 73. مال کی زکوۃ ادا نہ کرنے کا انجام 73. ७३. “ माल की ज़कात न देने का अंजाम ” 74. ٹھہرے ہوئے پانی میں پیشاب کی ممانعت 74. ७४. “ खड़े पानी में पेशाब करना मना है ” 75. حقیقی مسکین کون ہے 75. ७५. “ असली ग़रीब कौन है ” 76. عورت اپنے خاوند کی اجازت کے بغیر نفلی روزہ نہ رکھے 76. ७६. “ औरत पति की अनुमति के बिना नफ़ली रोज़ा न रखे ” 77. موت کی تمنا مت کرو 77. ७७. “ मोत की इच्छा करना मना है ” 78. انگور، کو ”کرم“ نہ کہو، مسلمان ”کرم“ ہے 78. ७८. “ अंगूर को करम कहना मना है ” 79. ایک دفینے کا عمدہ فیصلہ 79. ७९. “ एक दबे हुए ख़ज़ाने का अच्छा फ़ैसला ” 80. اللہ تعالیٰ بندے کی توبہ پر خوش ہوتا ہے 80. ८०. “ अल्लाह तआला का बंदे की तोबा पर ख़ुश होना ” 81. اللہ تعالیٰ فرماتا ہے: میری طرف آ کر تو دیکھ 81. ८१. “ अल्लाह तआला का बंदे के क़रीब आना ” 82. وضو کے دوران ناک میں پانی ڈالنا 82. ८२. “ वुज़ू करते समय में नाक में पानी डालना ” 83. رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کی سخاوت 83. ८३. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का दान ” 84. کھانا پیش کرنے والے کو بھی کھانے میں شریک کرنا 84. ८४. “ खाना देने वाले को भी साथ खाना खिलाना ” 85. اپنے مالک کو ”رب“ اورغلام کو ”عبدی“ یا ”امتی“ نہ کہو 85. ८५. “ अपने मालिक को रब्ब और ग़ुलाम को अबदी या उम्मती न कहो ” 86. جنت میں سب سے پہلے جانے والے گروہ کی فضیلت 86. ८६. “ जन्नत में सब से पहले जाने वाले समूह की फ़ज़ीलत ” 87. حضور صلی اللہ علیہ وسلم کی اپنی امت پر شفقت 87. ८७. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की अपनी उम्मत के लिए हमदर्दी ” 88. پہلی امتوں کے لیے مال غنیمت حلال نہ تھا 88. ८८. “ पिछली उम्मतों के लिए माल ग़नीमत हलाल न था ” 89. بلی پر ظلم کرنے والی عورت کے لیے عذاب 89. ८९. “ बिल्ली पर ज़ुल्म करेन वाली औरत पर अज़ाब ” 90. ایمان کے منافی اعمال 90. ९०. “ वह कर्म जो ईमान के नहीं हैं ” 91. رسالت محمدیہ علی صاحبہا الصلاٰۃ والسلام پر ایمان لائے بغیر نجات نہیں 91. ९१. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर ईमान लाए बिना निजात नहीं ” 92. امام کو غلطی پر خبردار کرنا 92. ९२. “ इमाम को ग़लती करने पर कैसे सूचित किया जाए ” 93. اللہ کی راہ میں کھایا ہوا زخم 93. ९३. “ अल्लाह के लिए घाव खाना ” 94. رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کے لیے صدقے کی چیز منع تھی 94. ९४. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के लिए सदक़ा मना था ” 95. لوگوں کا سوال کہ اللہ کو کس نے پیدا کیا؟ 95. ९५. “ लोगों का सवाल कि अल्लाह को किसने पैदा किया ” 96. قسم کا کفارہ 96. ९६. “ क़सम का कफ़्फ़ारा ” 97. دو قسم کھانے والوں کے درمیان قرعہ اندازی 97. ९७. “ दो क़सम खाने वलों के बीच क़ुरआ अंदाज़ी ” 98. حدیث مصراۃ 98. ९८. “ हदीस मसरात ” थनों में दूध रोक दिए गए जानवर को ख़रीदने के बारे में 99. بوڑھے شخص طول عمر اور کثرت مال کی تمنا 99. ९९. “ बूढ़े को लंबी उमर और माल की इच्छा होना ” 100. کسی مسلمان بھائی کی طرف ہتھیار سے اشارہ نہ کرو 100. १००. “ किसी मुसलमान की तरफ़ हथियार से इशारा न करो ” 101. اللہ تعالی کا ایک کافر قوم پر سخت غصہ 101. १०१. “ अल्लाह तआला का काफ़िर क़ौम पर ग़ुस्सा ” 102. اللہ تعالی کا اس شخص پر سخت غصہ جسے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے قتل کیا 102. १०२. “ अल्लाह तआला का उस व्यक्ति पर ग़ुस्सा जिसे अल्लाह के रसूल ने क़त्ल किया ” 103. انسانی اعضاء کا زنا 103. १०३. “ इंसान के अंगों का ज़िना ” 104. ایک نیکی کا سات سو گناہ تک بڑھنا 104. १०४. “ एक नेकी सात सो गुना ज़ियादा ” 105. امام نماز میں تخفیف کرے 105. १०५. “ इमाम नमाज़ हल्की और छोटी पढ़ाए ” 106. ترک گناہ پر نیکی کا ثواب 106. १०६. “ पाप करने का इरादा करे और फिर न करने पर नेकी का सवाब ” 107. اللہ تعالٰی کو برا بھلا مت کہو 107. १०७ . “ अल्लाह तआला को बुरा भला न कहो ” 108. گرمیوں میں نماز ظہر کو ٹھنڈی کر کے پڑھنا 108. १०८. “ गर्मियों में ज़ुहर की नमाज़ को ठंडे समय में पढ़ना ” 109. بغیر وضو نماز نہیں ہوتی 109. १०९. “ बिना वुज़ू नमाज़ नहीं ” 110. نماز کے لیے مسجد کی طرف اطمینان سے آؤ 110. ११०. “ नमाज़ के लिए मस्जिद में आराम से चल कर आओ ” 111. قاتل اور مقتول دونوں پر اللہ تعالیٰ کا ہنسنا 111. १११. “ अल्लाह तआला का क़ातिल और मक़तूल दोनों पर हंसना ” 112. کسی کی بیع پر بیع اور منگنی پر منگنی منع ہے 112. ११२. “ किसी के सौदे पर सौदा करना और सगाई पर सगाई भेजना मना है ” 113. کافر سات اور مومن ایک آنت میں کھاتا ہے 113. ११३. “ काफ़िर सात आंतों में और मोमिन एक आंत में खता है ” 114. سیدنا خضر علیہ السلام کا نام ”خضر“ کیوں رکھا گیا؟ 114. ११४. “ ख़िज़र अलैहिस्सलाम का नाम ख़िज़र कैसे हुआ ” 115. تکبر اور غرور سے کپڑا ٹخنوں سے نیچے لٹکانا 115. ११५. “ अभिमान और घमंड में कपड़ा टख़नों से नीचे लटकाना ” 116. بنی اسرائیل کی ایک نافرمانی کا بیان 116. ११६. “ बनि इसराईल का आज्ञा न मानने के बारे में ” 117. نیند غالب ہو تو نماز نہ پڑھو 117. ११७. “ बहुत नींद आ रही हो तो नमाज़ न पढ़ी जाए ” 118. زمانے کو برا مت کہو 118. ११८. “ ज़माने को बुरा न कहो ” 119. اچھا غلام کون ہے 119. ११९. “ अच्छा ग़ुलाम कौन है ” 120. حالت نماز میں تھوک آجائے تو۔۔۔؟ 120. १२०. “ नमाज़ के भींच में थूक आजाए तो ” 121. خطبہ جمعہ خاموشی سے سننا 121. १२१. “ जुमआ का ख़ुत्बा ख़ामोशी से सुनना ” 122. جس کا کوئی ولی نہیں اس کا میں ولی ہوں 122. १२२. “ जिसका कोई वली नहीं उसका वली मैं हूँ ” 123. دعا عزم مصمم کے ساتھ کرو یہ مت کہو کہ اے اللہ! تو چاہے تو بخش دے 123. १२३. “ दुआ पूरे विश्वास के साथ करो यह न कहो अगर तू चाहे ” 124. پہلی امتوں کے لیے مال غنیمت جائز نہ تھا۔۔۔ اور ایک نبی کا واقعہ 124. १२४. “ पिछली उम्मतों के लिए माल ग़नीमत जाइज़ नहीं था और एक नबी का क़िस्सा ” 125. سیدنا ابوبکر و عمر رضی اللہ عنہما کی خلافت کی طرف اشارہ 125. १२५ . “ हज़रत अबू-बकर और हज़रत उमर रज़ि अल्लाहु अन्हुमा की ख़िलाफ़त की तरफ़ इशारा ” 126. قیامت سے پہلے ایک عجمی قوم سے لڑائی 126. १२६. “ क़यामत से पहले एक आजमी क़ौम से जंग होना ” 127. قیامت سے پہلے بال کے جوتے والوں سے جنگ 127. १२७. “ क़यामत से पहले बाल के जूते वालों से जंग होना ” 128. گھوڑے اور اونٹ والوں میں فخر و غرور اور بکری والوں میں عاجزی ہوتی ہے 128. १२८. “ घोड़े और ऊंट वालों में घमंड और बकरी वालों में नरम स्वभाव का होना ” 129. امارت اور حکمرانی قریش کا حق ہے 129. १२९. “ शासन करना क़ुरैश का हक़ ” 130. قریش کی عورتوں کی فضیلت 130. १३०. “ क़ुरैश औरतों की फ़ज़ीलत ” 131. نظر لگنا حق ہے اور سرمہ بھروانا ممنوع ہے 131. १३१ . “ नज़र लगना हक़ है और सुरमह भरवाना मना है ” 132. نماز کے انتظار کا ثواب اور فضیلت 132. १३२ . “ नमाज़ के इंतज़ार का सवाब और फ़ज़ीलत ” 133. اوپر والا ہاتھ نیچے والے ہاتھ سے بہتر ہے 133. १३३. “ ऊपर वाला हाथ नीच वाले हाथ से अच्छा है ” 134. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا عیسی علیہ السلام سے قریبی تعلق 134. १३४ . “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का ईसा अलैहिस्सलाम से नज़दीक का नाता ” 135. دو جھوٹے نبیوں کے بارے میں نبی صلی اللہ علیہ وسلم کی پیشن گوئی 135. १३५ . “ दो झूठे नबियों के बारे में रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बताया ” 136. اللہ تعالی کی رحمت ہی سے جنت ملے گی 136. १३६ . “ अल्लाह तआला की रहमत से ही जन्नत मिलेगी ” 137. دو قسم کی تجارت اور دو قسم کا لباس منع ہے 137. १३७. “ दो तरह का व्यापार करना और दो तरह के कपड़े पहनना मना हैं ” 138. کن کن صورتوں میں قصاص اور تاوان نہ لیا جائے 138. १३८. “ किन हालतों में क़सास और ख़ून बहा न लिया जाए ” 139. مال غنیمت کی تقسیم کے حکم کے متعلق 139. १३९. “ माल ग़नीमत के बंटवारे के नियम ” |
صحيفه همام بن منبه
सहीफ़ा हम्माम इब्न मुनब्बिह متفرق متفرق विभिन्न हदीसें ہر نبی کے لیے ایک دعائے مستجاب २०. “ हर नबी को स्वीकार होने वाली दुआ का मिलना ”
اور رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”ہر نبی کو ایک دعا حاصل ہوتی ہے جو قبول کی جاتی ہے۔ پس ان شاء اللہ میں چاہتا ہوں کہ میں اپنی دعا کو قیامت تک اپنی امت کی شفاعت کے لیے ملتوی اور مؤخر رکھوں۔“
تخریج الحدیث: «صحيح بخاري، كتاب الدعوات، رقم: 6304، 6305، وكتاب التوحيد، 7474 - صحيح مسلم، كتاب الايمان، رقم: 487، 488، 489، 490، 492، 493، 494، 498 - سنن ترمذي، رقم: 3602 - مسند أحمد: 39/16، رقم: 18/8117، حدثنا عبدالرزاق بن همام: حدثنا معمر عن همام بن منبه، قال: هذا ما حدثنا به أبو هريرة عن رسول الله صلى الله عليه وسلم.... - تفسير عبدالرزاق، ص: 150 - شرح السنة: 5/5، رقم: 1235.»
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