اللٰهم إني اسئلك خيرها واعوذ بك من شرها اللَٰهُمَّ إِنِّي اَسْئَلُكَ خَيْرَهَا وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّهَا
”اے اللہ! میں تجھ سے اس کی بھلائی کا سوال کرتا ہوں اور اس کے شر سے تیری پناہ میں آتا ہوں۔“ اصل روایت ان الفاظ کے بغیر ہے اور یہ الفاظ مصنف کی طرف سے اس حدیث کا مفہوم ہیں۔ [اسناده صحيح، سنن ابي داؤد: 5097، 5099، سنن ابن ماجه: 3727، 3882، المستدرك للحاكم: 4/ 285 ح7769]
“ऐ अल्लाह ! मैं तुझ से इस की भलाई का सवाल करता हूँ और इस की बुराई से तेरी शरण में आता हूँ ।” असल रिवायत इन शब्दों के बिना है और ये शब्द लेखक की तरफ़ से इस हदीस का अर्थ हैं । [असनादा सहीह, सुनन अबी दाऊद: 5097, 5099, सुनन इब्न माजा: 3727, 3882, अलमुस्तदरक लिल्हकीम: 4/ 285 ح7769]