سیدنا انس رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ ان کے لیے ابوبکر صدیق رضی اللہ عنہ نے جو کچھ اللہ کے رسول صلی اللہ علیہ وسلم نے (زکوٰۃ کے متعلق) مقرر کیا ہے وہ لکھ دیا (اس میں یہ مضمون بھی تھا کہ) صدقہ کے خوف سے متفرق مال یکجا نہ کیا جائے اور یکجا مال متفرق نہ کیا جائے۔
हज़रत अनस रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि इनके लिए अबु बक्र सिद्दीक़ रज़ि अल्लाहु अन्ह ने जो कुछ अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने (ज़कात के बारे में) तय किया है वह लिख दिया (उसमें यह भी था कि) सदक़ा के डर से अलग अलग माल को जमा न किया जाए और जमा किये हुए माल को अलग न किया जाए।