سیدنا زید بن ثابت رضی اللہ عنہ سے اس حدیث میں (پچھلی حدیث سے اتنا زیادہ) روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم (صبح کو تشریف لائے اور) فرمایا: ”میں نے جو تمہارا فعل دیکھا اسے سمجھ لیا (یعنی تم کو عبادت کا شوق ہے) تو اے لوگو! اپنے گھروں میں نماز پڑھو کیونکہ آدمی کی نمازوں میں افضل نماز وہ ہے جو اس کے گھر میں ہو سوائے فرض نماز کے۔“
हज़रत ज़ैद बिन साबित रज़ि अल्लाहु अन्ह से इस हदीस में (पिछली हदीस से इतना अधिक) रिवायत है कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम (सुब्ह को आए और) फ़रमाया ! “मैं ने जो तुम्हारा काम देखा उसे समझ लिया (यानी तुम को इबादत का शौक़ है) तो ऐ लोगों, अपने घरों में नमाज़ पढ़ो क्योंकि आदमी की नमाज़ों में अफ़ज़ल नमाज़ वह है जो उसके घर में हो सिवाए फ़र्ज़ नमाज़ के।”