سیدنا انس رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ سیدنا بلال رضی اللہ عنہ کو یہ حکم دیا گیا تھا کہ اذان (میں) جفت (کلمات) کہیں اور اقامت (میں) طاق، سوائے قد قامت الصّلوٰۃ کے۔
हज़रत अनस रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि हज़रत बिलाल रज़ि अल्लाहु अन्ह को यह हुक्म दिया गया था कि अज़ान में बराबर शब्द कहें और इक़ामत में संख्या में बेजोड़ (ताक़), सिवाए क़द-क़ामतिस्सलाह के।