سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے مروی حدیث کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے دو قسم کی بیع اور دو قسم کی پوشاک پہننے سے منع فرمایا ہے (اور یہ حدیث پہلے گزر چکی ہے دیکھئیے کتاب: نماز کا بیان۔۔۔ باب: ستر جس کو ڈھانپنا ضروری ہے) اس حدیث میں اتنا زیادہ کہا ہے: ”اور دو نمازوں سے منع فرمایا: (1) فجر کے بعد نماز سے منع فرمایا ہے یہاں تک کہ آفتاب (اچھی طرح) نکل آئے اور (2) عصر کے بعد (نماز سے منع فرمایا) یہاں تک کہ آفتاب (اچھی طرح) غروب ہو جائے۔“
हज़रत अबु हुरैरा रज़ि अल्लाहु अन्ह से रिवायत की गई हदीस कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दो तरह की बिक्री और दो तरह की पोशाक पहनने से मना किया है (और यह हदीस पहले गुज़र चुकी है देखिए किताब, नमाज़ का बयान...बॉब, सत्तर जिस को ढाँकना ज़रूरी है) इस हदीस में इतना अधिक कहा है कि “और दो नमाज़ों से मना किया। (1) फ़ज्र के बाद नमाज़ से मना किया है यहाँ तक कि सूर्य (अच्छी तरह) निकल आए। (2) अस्र के बाद (नमाज़ से मना किया) यहाँ तक कि सूर्य (अच्छी तरह) डूबजाए।”