-" اشتكت النار إلى ربها وقالت: اكل بعضي بعضا، فجعل لها نفسين: نفسا في الشتاء ونفسا في الصيف، فاما نفسها في الشتاء فزمهرير واما نفسها في الصيف فسموم".-" اشتكت النار إلى ربها وقالت: أكل بعضي بعضا، فجعل لها نفسين: نفسا في الشتاء ونفسا في الصيف، فأما نفسها في الشتاء فزمهرير وأما نفسها في الصيف فسموم".
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”جب جہنم نے اپنے ربّ سے یہ شکوہ کیا کہ (شدت کی وجہ سے) میرا بعض، بعض کو کھا رہا ہے، تو اللہ تعالیٰ نے اسے دو سانس لینے کی اجازت دے دی۔ ایک سانس موسم سرما میں ایک سانس موسم گرما میں۔ سو موسم سرما کی سردی کی شدت وہی سانس ہے اور گرمیوں کے موسم میں گرمی کی شدت بھی اسی سانس کا اثر ہے۔“
हज़रत अबु हुरैरा रज़ि अल्लाहु अन्ह बयान कहते हैं कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “जब जहन्नम ने अपने रब्ब से यह शिकायत की (सख़्ती के कारण) मेरा कुछ का कुछ खा रहा है, तो अल्लाह तआला ने उसे दो साँस लेने की अनुमति देदी। एक साँस ठंड के मौसम में एक साँस गरमी के मौसम में। तो ठंड के मौसम की सर्दी का ज़ोर वही साँस है और गर्मियों के मौसम में गर्मी का ज़ोर भी उसी साँस की बिना पर है।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 1457
قال الشيخ الألباني: - " اشتكت النار إلى ربها وقالت: أكل بعضي بعضا، فجعل لها نفسين: نفسا في الشتاء ونفسا في الصيف، فأما نفسها في الشتاء فزمهرير وأما نفسها في الصيف فسموم ". _____________________ أخرجه الترمذي (3 / 346) وابن ماجه (2 / 586) من طريق الأعمش عن أبي صالح عن أبي هريرة قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم فذكره، وقال الترمذي والسياق له: " حديث حسن صحيح ". قلت: وإسناده عند ابن ماجه صحيح على شرط الشيخين، وقد أخرجاه وكذا أحمد ( 2 / 238 - 277 - 462 - 503) من طرق عن أبي هريرة نحوه. ¤