ام المؤمنین میمونہ رضی اللہ عنہا کہتی ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے (غسل کے وقت پہلے) وضو فرمایا جس طرح نماز کے لیے آپ صلی اللہ علیہ وسلم کا وضو ہوتا تھا، سوا دونوں پاؤں کے (دھونے کے) اور اپنی شرمگاہ کو دھویا اور جہاں کہیں نجاست لگ گئی تھی (اسے بھی دھو ڈالا) پھر اپنے اوپر پانی بہا لیا۔ اس کے بعد اپنے دونوں پاؤں کو (اس جگہ سے) ہٹا لیا اور ان کو دھو ڈالا۔ یہ (طریقہ) آپ صلی اللہ علیہ وسلم کا غسل جنابت (کا تھا)۔
उम्मुल मोमिनीन मैमूना रज़ि अल्लाहु अन्हा कहती हैं कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने (ग़ुस्ल से पहले) वुज़ू किया जिस तरह नमाज़ के लिए आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का वुज़ू होता था, सिवाए दोनों पांव के (धोने के) और अपने गुप्ताअंग को धोया और जहां कहीं गंदगी लग गई थी (उसे भी धो डाला) फिर अपने उपर पानी बहा लिया। इसके बाद अपने दोनों पांव को (उस जगह से) हटा लिया और उनको धो डाला। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम संभोग के बाद इस तरीक़े से ग़ुस्ल करते थे।