سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا جو شخص حدث کرے تو اس کی نماز قبول نہیں ہوتی یہاں تک کہ وہ وضو کر لے۔ حضرموت (شہر) کے ایک شخص نے پوچھا کہ اے ابوہریرہ رضی اللہ عنہ! ”حدث“ کیا چیز ہے؟ انھوں نے جواب دیا ”بےآواز یا باآواز ریح خارج ہونا۔“
हज़रत अबु हुरैरा रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! “जो व्यक्ति पादे तो उसकी नमाज़ स्वीकार नहीं होती जबतक कि वह वुज़ू करले।” हज़रमोत शहर के एक व्यक्ति ने पूछा कि ऐ अबु हुरैरा रज़ि अल्लाहु अन्ह तो “पादना” क्या चीज़ है ? उन्हों ने जवाब दिया कि “बिना आवाज़ या आवाज़ के साथ हवा निकालना।”