سیدنا علی رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے قبروں کی زیارت سے، (چار قسم کے) برتنوں (کے استعمال) سے اور تین دنوں کے بعد قربانیوں کا گوشت ذخیرہ کرنے سے منع فرمایا۔ لیکن (کچھ عرصہ کے بعد) فرمایا: ”بلاشبہ میں نے تم لوگوں کو قبروں کی زیارت سے منع کیا تھا، لیکن (اب حکم دیتا ہوں کہ) ان کی زیارت کیا کرو، کیونکہ یہ آخرت یاد دلاتی ہیں اور میں نے تم کو (کچھ) برتنوں سے منع کیا تھا، لیکن (اب حکم دیتا ہوں کہ) ان کو مشروبات کے لیے استعمال کیا کرو اور نشہ دینے والی ہر چیز سے اجتناب کرو اور میں نے تم کو قربانیوں کا گوشت تین ایام سے زیادہ ذخیرہ کرنے سے منع کیا تھا، لیکن (اب کہتا ہوں کہ) جب تک چاہو، اپنے پاس گوشت روکے رکھو۔“
हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह कहते हैं कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने क़ब्रों को देखने जाने से, (चार प्रकार के) बर्तनों (के उपयोग) से और तीन दिनों के बाद क़ुर्बानियों का मांस रोक कर रखने से मना किया। लेकिन (कुछ समय के बाद) फ़रमाया ! “बेशक मैं ने तुम लोगों को क़ब्रों को देखने जाने से मना किया था, लेकिन (अब हुक्म देता हूँ कि) देखने जाया करो, क्योंकि यह आख़िरत याद दिलाती हैं और मैं ने तुम को (कुछ) बर्तनों से मना किया था, लेकिन (अब हुक्म देता हूँ कि) वे शर्बत उपयोग में लाया करो और नशा देने वाली हर चीज़ से बचा करो और मैं ने तुम को क़ुर्बानियों का मांस तीन दिनों से अधिक रोक कर रखने से मना किया था, लेकिन (अब केहता हूँ कि) जब तक चाहो, अपने पास मांस रोके रखो।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 886
قال الشيخ الألباني: - " اجتنبوا كل ما أسكر ". _____________________ أخرجه أحمد (1 / 145) والديلمي (1 / 1 / 40) معلقا من طريق علي بن زيد عن ربيعة بن النابغة عن أبيه عن علي: " أن رسول الله صلى الله عليه وسلم نهى عن زيارة القبور وعن الأوعية وأن تحبس لحوم الأضاحي بعد ثلاث، ثم قال: إني كنت نهيتكم عن زيارة القبور، فزوروها فإنها تذكركم الآخرة ونهيتكم عن الأوعية ، فاشربوا فيها واجتنبوا كل مسكر ونهيتكم عن لحوم الأضاحي أن تحبسوها بعد ثلاث، فاحبسوا ما بدا لكم ". قلت: وهذا سند ضعيف، ربيعة بن النابغة وأبوه مجهولان. وعلي بن زيد وهو ابن جدعان ضعيف. لكن الحديث له شاهد من حديث ابن عمرو قال: __________جزء : 2 /صفحہ : 545__________ " ذكر رسول الله صلى الله عليه وسلم الأوعية: الدباء والحنتم والمزفت والنقير، فقال أعرابي : إنه لا ظروف لنا، فقال: اشربوا ما حل. (وفي رواية) اجتبوا ما أسكر ". أخرجه أبو داود (2 / 132) من طريق شريك عن زياد بن فياض عن أبي عياض عنه. قلت: وهذا سند ضعيف أيضا شريك هو ابن عبد الله سيء الحفظ. فالحديث بمجموع الطريقين حسن. والله أعلم. ثم وجدت له شاهد آخر يرويه يزيد بن أبي زياد عن مجاهد عن ابن عباس مرفوعا بلفظ: " اشربوا فيما شئتم واجتنبوا كل مسكر ". أخرجه البزار في " مسنده " (ص 164 - زوائده) وقال الهيثمي: " هذا إسناد حسن "! ثم وجدت له شاهدا خيرا مما تقدم أخرجه النسائي في " زيارة القبور " من طريق المغيرة بن سبيع حدثني عبد الله بن بريدة عن أبيه مرفوعا. " إني كنت نهيتكم أن تأكلوا لحوم الأضاحي إلا ثلاثا ... " الحديث مثل حديث علي وأتم منه. وسنده صحيح، وأصله عند مسلم، وقد خرجته في " الجنائز " (177 - 178) وروى أبو عبيد في " الغريب " (71 / 1) طرفه الأخير الذي عند النسائي. ¤